• About
  • Advertise
  • Contact
  • Login
Newsletter
NRI Affairs
Youtube Channel
  • News
  • Video
  • Opinion
  • Culture
  • Visa
  • Student Hub
  • Business
  • Travel
  • Events
  • Other
No Result
View All Result
  • News
  • Video
  • Opinion
  • Culture
  • Visa
  • Student Hub
  • Business
  • Travel
  • Events
  • Other
No Result
View All Result
NRI Affairs
No Result
View All Result
Home Literature

कहानी को यहां से देखिएः ऐसी होती हैं कालजयी कहानियां

सुधांशु गुप्त by सुधांशु गुप्त
September 16, 2021
in Literature
Reading Time: 2 mins read
A A
0
कहानी
Share on FacebookShare on Twitter
Advertisements

सुधांशु गुप्त आज बात कर रहे हैं अन्तोन चेखव की कहानी ट्यूटर को. आप भी देखिए, कैसी होती हैं कालजयी कहानियां…

अन्तोन चेख़व का जन्म 1860 में एक दुकानदार परिवार में हुआ। 1884 में चेख़व का पहला कहानी संग्रह छप कर आया। धीरे धीरे चेख़व कहानी की दुनिया के सिरमौर बन गये। यह दिलचस्प बात है कि चेख़व की कहानियों में इतनी सहजता और सरलता होती है कि आप ये कहानियां बिल्कुल साधाराण सी कहानियां लगेंगी। लेकिन चेख़व की इसी सहजता ने उन्हें महान कहानीकारों की श्रेणी में ला खड़ा किया। आज हम बात करेंगे चेख़व की एक छोटी सी कहानी की, जो ट्यूटर, कमज़ोर और कई अन्य नामों से छपी है। यह कहानी 1883 में लिखी गई। कहानी पर बात करने से पहले कहानी का सारः 

हाल ही मैं मैंने अपने बच्चों की अध्यापिका यूलिया वसिल्येव्ना को अपने दफ्तर में बुलाया। मुझे उसके वेतन का हिसाब-किताब करना था। वह इतनी संकोची है कि ज़रूरत पड़ने पर भी ख़ुद पैसे नहीं मांगेगी। ख़ैर…। हमने तय किया था कि हर महीने आपको तीस रूबल दिए जाएँगे। 

‘चालीस…’

‘नहीं…नहीं तीस। तीस ही तय हुए थे। मेरे पास लिखा हुआ है। वैसे भी मैं अध्यापकों को तीस रूबल ही देता हूं। आपको हमारे यहां काम करते हए दो महीने हो चुके हैं…।’

‘दो महीने और पांच दिन हुए हैं।’

‘नहीं दो महीने से ज़्यादा नहीं। बस दो ही महीने हुए हैं। यह भी मैंने नोट कर रखा है, तो इस तरह मुझे आपको कुल साठ रूबल देने हैं। लेकिन इन दो महीने में कुल नौ इतवार पड़े हैं, आप इतवार को तो कोल्या को पढ़ाती नहीं हैं, सिर्फ थोड़ी देर उसके साथ घूमती हैं…इसके अलावा तीन छुट्टियां त्योहार की भी पड़ी हैं। ’

यूलिया का चेहरा आक्रोश से लाल हो उठा था, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा और अपने घाघरे की सलवटें ठीक करती रही। 

यह भी पढ़िएः अच्युतानंद मिश्र की कविताएं

इतवार और त्योहारों की छुट्टियां मिलाकर कुल बारह दिन हुए। इसका मतलब आपकी तन्ख्वाह में से बारह रूबल कम हो गए। चार दिन कोल्या बीमार रहा और आपने उसे नहीं पढ़ाया। तीन दिन आपके दांत में दर्द रहा, तब मेरी पत्नी ने आपको यह इजाजत दी थी कि आप उसे दोपहर में न पढ़ाया करें। इसके हुए सात रूबल। तो बारह और सात मिलाकर हुए कुल 19 रूबल। अगर 60 में से 19 रूबल कम कर दिए जाएं तो आपके बचे कुल 41 रूबल। क्यों मेरी बात ठीक है न…?

यूलिया की दोनों आंखों के कोरों पर आंसू चमकने लगे। उसका चेहरा कांपने लगा। घबराहट में उसे खांसी आ गई और वह रूमाल से अपनी नाक साफ करने लगी। पर उसने इस हिसाब किताब पर कोई आपत्ति नहीं की। 

‘नए साल के समारोह में आपने एक कप प्लेट भी तोड़ दिया था, दो रूबल उसके भी जोड़िए, प्याला तो बहुत ही महंगा था, बाप दादा के जमाने का था, लेकिन चलिए…छोड़ देता हूं।’

‘आखिर नुकसान तो हो ही जाता है। बहुत कुछ गंवाया है…एक प्याला और सही। आगे…आपकी लापरवाही के कारण कोल्या पेड़ पर चढ़ गया था और उसने अपनी जैकेट फाड़ ली थी। दस रूबल उसके। फिर आपकी लापरवाही के कारण ही नौकरानी वार्या के जूते लेकर भाग गई। आपको सब चीजों का ख़्याल रखना चाहिए। आख़िर आपको इसी काम के लिए रखा गया है। जूतों के भी पांच रूबल लगाइए…और दस जनवरी को आपने मुझसे दस रूबल उधार लिए थे….’

‘नहीं, मैंने आपसे कुछ नहीं लिया,’ यूलिया ने फुसफुसाकर कहा। 

Advertisements

‘चलिए…ठीक है…कुल 27 रूबल हुए। ’

‘ 41 में से27 घटाइए, बाकी बचे 14…’

‘मैंने सिर्फ आपकी पत्नी से एक ही बार पैसे लिए थे, तीन रूबल, इसके अलावा कभी कुछ नहीं लिया…’

‘तो 14 में से तीन और घटा दीजिए…बाकी बचे 11…लीजिए ये रहे आपके 11 रूबल…।’

उसने फ्रांसीसी भाषा में कहा, धन्यवाद।

‘किसलिए धन्यवाद’ मैंने पूछा। 

‘पैसों के लिए धन्यवाद।’

‘लानत है, क्या तुम देखती नहीं कि मैंने तुम्हें धोखा दिया है? मैंने तुम्हारे पैसे मार लिए हैं और तुम इस पर धन्यवाद कहती हो। अरे, मैं तो तुम्हें परख रहा था…मैं तुम्हें 80 रूबल ही दूंगा…यह रही पूरी रकम। ’

वह धन्यवाद कहकर चली गई। मैं उसे देखते हुए सोचने लगा कि दुनिया में ताकतवर बनना कितना आसान है। 

यह भी पढ़िएः सुर, साज़ और मौसीक़ीः क़िस्से तवायफ़ों के

कहानी बस इतनी ही है। लेकिन ये ऐसी कहानी है जिसमें ताकतवर आदमी कमजोर लोगों का हक़ आसानी से मार सकता। और कमजोर व्यक्ति इस आशंका में प्रतिरोध भी नहीं कर पाता कि जो मिल रहा है, कहीं उससे भी हाथ न धोना पड़ा। चेखव ने 1883 में लिखी अपनी इस कहानी में शोषण की उन प्रवृत्तियों पर चोट की है, जो थोड़ा सा ताकतवर इंसान भी अपने से कमजोर के साथ अपनाता है।

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कमजोर कहां काम कर रहा है और उसका मालिक कौन है। यह ताकतवर और कमजोर के बीच का स्वाभाविक रिश्ता है। इस रिश्ते का किसी मुल्क, किसी सरहद या किसी भाषा से लेना देना नहीं है।

चेख़व की कहानियों की यही ख़ूबसूरत बात है, वह मनुष्य की प्रवृत्तियों पर बात करते हैं और बिल्कुल सहजा भाव से। इस कहानी में ट्यूशन पढ़ाने वाली लड़की और मालिक के बीच का संवाद आप कहीं भी देख सकते हैं। इस संवाद का मूल भाव यही रहेगा कि मालिक हर हाल में अपने कर्मचारी का हक़ मारना चाहेगा, उसे जितने पैसे उसके बनते हैं, उससे कम पैसे देना चाहेगा। शोषण का यह चक्र 100 से भी अधिक सालों से बदस्तूर चल रहा है और जब तक यह चलेगा चेखव की कहानी भी जीवित रहेगी। कालजयी कहानियां ऐसी ही होती हैं। 

?s=32&d=mystery&r=g&forcedefault=1
सुधांशु गुप्त

तीन दशकों तक पत्रकारिता करने के बाद सुधांशु गुप्त अब पूरी तरह से साहित्य में रम गए हैं. आपके तीन कहानी संग्रह 'खाली कॉफी हाउस', 'उसके साथ चाय का आख़िरी कप' और 'स्माइल प्लीज़' प्रकाशित हो चुके हैं. आपकी कहानियां, सामाजिक ताने-बाने पर लेख और समीक्षाएं सारिका, साप्ताहिक हिंदुस्तान, नया ज्ञानोदय, नवनीत, कादम्बिनी, दैनिक हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, जनसत्ता, हरिभूमि, जनसंदेश, जनवाणी आदि पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं और होती रहती हैं. रेडियो पर आपकी कई कहानियों का प्रसारण हो चुका है.

सुधांशु गुप्त

सुधांशु गुप्त

तीन दशकों तक पत्रकारिता करने के बाद सुधांशु गुप्त अब पूरी तरह से साहित्य में रम गए हैं. आपके तीन कहानी संग्रह 'खाली कॉफी हाउस', 'उसके साथ चाय का आख़िरी कप' और 'स्माइल प्लीज़' प्रकाशित हो चुके हैं. आपकी कहानियां, सामाजिक ताने-बाने पर लेख और समीक्षाएं सारिका, साप्ताहिक हिंदुस्तान, नया ज्ञानोदय, नवनीत, कादम्बिनी, दैनिक हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, जनसत्ता, हरिभूमि, जनसंदेश, जनवाणी आदि पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं और होती रहती हैं. रेडियो पर आपकी कई कहानियों का प्रसारण हो चुका है.

Related Posts

Mubarak Mandi Palace Jammu
Literature

On Kashmiriyat outside of Kashmir

May 24, 2025
The extent of the British empire at the dawn of the century which would see its demise. History and Art Collection / Alamy
Opinion

East of Empire: partitioning of India and Palestine unleashed the violent conflict that continues today

March 26, 2025
White Kurta, Pink Dog: Stories of Holi
Literature

White Kurta, Pink Dog: Stories of Holi

March 16, 2025
Next Post
Labor’s decision to ‘parachute’ Kristina Keneally into multicultural Fowler irks its Indian-born leaders

Labor's decision to 'parachute' Kristina Keneally into multicultural Fowler irks its Indian-born leaders

Sydney home quarntine

Opening Australian borders: NSW to run home quarantine pilot program

Victoria Visa Update

Visa update: Victoria adds additional segments under the digital sector

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended

Australia issues travel advisory along with COVID rules for India

Australia issues travel advisory along with COVID rules for India

2 years ago
South Australia Visa Update

Visa Update: South Australia offers more waivers for state nomination

3 years ago
NRIs

Thousands of super-rich Indians to move overseas this year: Report

3 years ago
International student numbers in Australia will be controlled by a new informal cap. Here’s how it will work

Deporting international students risks making the US a less attractive destination, putting its economic engine at risk

1 month ago

Categories

  • Business
  • Events
  • Literature
  • Multimedia
  • News
  • nriaffairs
  • Opinion
  • Other
  • People
  • Student Hub
  • Top Stories
  • Travel
  • Uncategorized
  • Visa

Topics

Air India Australia california Canada caste china COVID-19 cricket election Europe Gaza Germany Green Card h1b visa Hindu immigration India india-australia Indian Indian-American Indian-origin indian diaspora indian origin indian student Indian Students Khalistan London Modi Narendra Modi New Zealand NRI NSW Pakistan Palestine Singapore student students travel trump UAE uk US USA Victoria visa
NRI Affairs

© 2025 NRI Affairs.

Navigate Site

  • About
  • Advertise
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • News
  • Video
  • Opinion
  • Culture
  • Visa
  • Student Hub
  • Business
  • Travel
  • Events
  • Other

© 2025 NRI Affairs.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In
WP Twitter Auto Publish Powered By : XYZScripts.com