दुबई में रहने वाले भारतीय मूल के चार्टर्ड अकाउंटेंट गौरव बैद ने भारतीय सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की है जिसमें भारतीयों की विदेश में हुई कमाई पर टैक्स न लेने की अपील की गई है।
भारत के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस उस नियम में कोई राहत नहीं दी है जिसके तहत विदेश में रहने वाले किसी भारतीय को एनआरआई का दर्जा मिलने की शर्तें बदल गई हैं और उनकी ग्लोबल आय पर भारत में टैक्स लिया जाएगा।
बैद ने जनवरी 2021 में एक याचिका दायर की थी जिसके तहत उनके भारत में ज्यादा वक्त बिताने पर उनका एनआरआई दर्जा खत्म होने का विरोध किया गया था।
कोविड के कारण लगे यात्रा प्रतिबंधों के चलते बहुत से लोग भारत में फंसे हुए हैं और 120 से ज्यादा दिन भारत में रहने के कारण उनका एनआरआई दर्जा खत्म माना जाएगा।
बैद ने इसी नियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
उनके वकील अमीष टंडन ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया है कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीडीटी को मामले को देखने का निर्देश दिया था।
टंडन ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “सीबीडीटी ने पिछले साल एक सर्कुलर में कहा था कि लोगों को राहत दी जाएगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है जबकि बहुत से एनआरआई भारत सरकार से इस संबंध में अपील कर चुके हैं।”
टंडन के मुताबिक 3 मार्च को जारी सीबीडीटी के नए नोटिस में भी कोई राहत नहीं दी गई है जिस कारण टैक्स न्यूट्रल देशों जैसे यूएई में रहने वाले बहुत से भारतीय मूल के लोगों को भारत में टैक्स देना पड़ सकता है।
एक अनुमान के मुताबिक ऐसे लोगों की संख्या एक लाख से ज्यादा हो सकती है।
हालांकि सीबीडीटी ने टैक्स न्यूट्रल देशों के अतिरिक्त कहीं और बसे लोगों को राहत दे दी है।